Feb 18, 2009

कुछ पल गुजार ल



रुक गई साँसे निकालने से पहले,
कहा एक बार उससे मिललूं चलने से पहले,

कुछ पल गुजार लूं उसकी बाहों में,
ज़िन्दगी के ढलने से पहले,

बहक जाऊं उसके आगोश में,
किसी और के साथ संभालने से पहले,

पत्थर बना लूं खुद को तो अच्छा है,
एहसास जग न जाए यादों के बहल ने से पहले,

मोहब्बत फिर भी करता तुझसे जो खबर होती,
इतना दर्द मिलेगा इस मोड़ के गुज़रने से पहले,

बस इश्क का खुमार हो मुझमे,
डूब जाऊं इस नशे में इसके उतरने से पहले,

सच होने की शर्त रखी कहाँ थी मैंने,
खवाबों की सीडियां चड़ने से पहले,

क्या पता था डूब कर ही पार लग जाउंगा,
इस इश्क के समुन्दर में गिरने से पहले.

!! Love !!


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